पिंक मून: हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महीना चैत्र का महीना होता है चैत्र के महीने में पूर्णिमा के दिन ही पिंक मून नजर आता है। आपको बता दें कि इस साल चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल मंगलवार के दिन पड़ने वाला है और इसी दिन शाम को आकाश में पिंक मून का नजारा भी देखने को मिलेगा। तो चलिए आपको पूरे विस्तार से इस पिंक मून के बारे में बताते हैं।
क्या है पिंक मून?
पूर्णिमा का हिंदू धर्म में एक अलग ही महत्व है पूर्णिमा के दिन चांद पूर्ण दिखाई देता है। इसके साथ ही कई लोग पूर्णिमा के दिन व्रत भी करते हैं। ऐसी मान्यता है की पूर्णिमा के दिन शाम के समय में माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने से सड़क पर सदैव मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
हर महीने की पूर्णिमा तिथि का अपना एक खास महत्व होता है जो भी सड़क पूर्णिमा का व्रत करते हैं उनके जीवन में सुख समृद्धि आती है और उन पर माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। चैत्र का पहला पूर्णिमा 23 अप्रैल मंगलवार के दिन पड़ रहा है। इस दिन पिंक मून दिखाई देने वाला है असल में यह मून गुलाबी रंग का दिखाई नहीं देता बल्कि आम चंद्रमा की तरह ही सिल्वर और गोल्ड रंग का नजर आता है इस पिंक मून को इसका नाम पूर्व अमेरिका में पाए जाने वाले एक हर्ब मोस पिक के नाम पर रखा गया था।
कब दिखता है पिंक मून?
पिंक फुल मून तब दिखता है जब दो घटना एक साथ होती हैं। जब चांद धरती के करीब हो और इस समय पूर्णिमा हो तो पिक फुल मून दिखाई देता है इस पूर्णिमा के दिन आकाश में यह नजारा देखने को मिलेगा। पिंक मून के अलावा भी चांद पूर्णिमा के दिन अलग-अलग रंगों का नजारा देखने को मिल सकता है जैसे कई बार प्रदूषण के कारण चांद का रंग नारंगी या फिर पीला दिख सकता है इसके अलावा हवा में मौजूद कान चांद का रंग बदला हुआ दिखाते हैं और चांद भूरे रंग का दिख सकता है चांद का सबसे साफ रंग चमकीला होता है जो साफ आकाश में दिखता है।
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