Manmohan Singh: कल दुनिया के सबसे बड़े अर्थशास्त्री यानी हमारे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राजनीति से रिटायरमेंट ले लिए हैं जाने उनसे जुड़े कुछ अनोखे तथ्य।
Manmohan Singh: 91 साल के हो चुके मनमोहन सिंह ने कल राजनीति की दुनिया से हमेशा के लिए भी विदा लिया। उन्होंने कुल 33 वर्षों तक इस देश की सेवा की तथा इस बीच कई ऐसे काम भी किया जो वास्तव में बड़े ही प्रशंसनीय थे।
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Manmohan Singh भारत के एकमात्र सिख पीएम होने का गौरव प्राप्त किया। वह कांग्रेस पार्टी के एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो नेहरू या गांधी परिवार से कोई खून का संबंध नहीं रखते हैं।
मनमोहन सिंह के वाला से तीसरे राज्यसभा के सदस्य हैं जो बिना लोकसभा के सदस्य हुए ही सीधे प्रधानमंत्री का पद प्राप्त किए है। इससे पहले इंदिरा गांधी और इंद्र कुमार गुजराल ने बिना लोकसभा के सदस्य हुए ही प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया था।
वह प्रणब मुखर्जी, जो कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति हो चुके हैं उनको हमेशा सर कहकर बुलाते थे हालांकि प्रणब मुखर्जी ने यूपीए सरकार बनने के बाद उनको कर बुलाने से मना कर दिया था।
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Manmohan Singh को भारतीय अर्थशास्त्र का सूत्रधार कहा जाता है इसके अलावा उनको दुनिया के सबसे बड़े अर्थशास्त्री होने का तमगा भी प्राप्त है वह आरबीआई के पूर्व गवर्नर भी रह चुके हैं।
मनमोहन सिंह को 2008 की भारत और उस की परमाणु संधि के सूत्रधार के रूप में जाना जाता है। उनको कई ऐसे नियमों और योजनाओं का सूत्रधार होने का तमगा प्राप्त है, जो आज भी भारतीय समाज और भारत के विकास में अमूल योगदान दे रहे हैं।
मनमोहन सिंह ने 1991 में राज्यसभा के सदस्य की शपथ ग्रहण की थी और उसके कुछ ही दिनों बाद वह भारत के प्रथम सिख प्रधानमंत्री बने। वास्तव में वह भारत के राज्यसभा के सबसे अच्छे स्पीकर के रूप में याद किए जाते हैं।
जब मनमोहन सिंह ने पहली बार भारत का बजट प्रस्तुत किया था तभी उन्होंने यह घोषणा कर दी थी कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। इनको भारत के मध्य वर्ग का हीरो कहा जाता है।
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