Bengali News Year: 2024 में,वैशाख महीने को नए वर्ष के रूप में मनाते हैं। वैशाख महीना बंगालियों के लिए बेहद खास होता है। बंगाली लोग नव वर्ष को बड़े जश्न के साथ मनाते हैं। लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। अपनी खुशी को बंगाली लोग अपने तौर तरीके से जश्न और उल्लास के साथ मनाते है। पहला वैशाख 15 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा। ऐसे तो नव वर्ष का जश्न 1 जनवरी को मनाते हैं, परंतु हिंदू रीति रिवाज मे अलग अलग समुदाय के लोग अपने तौर तरीके से नव वर्ष को मनाते हैं।
पोइला वैशाख क्यों मनाया जाता है?
पहला वैशाख जिसे बंगाली लोग नव वर्ष के रूप में मनाते हैं। इस दिन पूजा अर्चना कर भगवान को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते है, तथा यह वर्ष मंगलमय रहे इसकी कामना भी करते हैं। बंगाली नव वर्ष का इतिहास अलग-अलग मत और कहानी है। ऐसा कहा जाता है कि बंगाली युग की शुरुआत सातवीं शताब्दी में शोशंगको राजा के समय हुई थी।
दूसरी तरफ यह कहा जाता है कि चंद्र इस्लामिक कैलेंडर और सूर्य हिंदू कैलेंडर को मिलाकर ही बंगाली कैलेंडर तैयार की गई है। अन्य स्रोतों से यह भी मालूम हुआ है कि बंगाली अपना कालखंड की शुरुआत का देन राजा विक्रमादित्य को देते हैं। तथा उनका मानना है कि बंगाली कैलेंडर की शुरुआत 594 ईस्वी में हुई। अलग-अलग मान्यताओं के साथ यह नव वर्ष मनाया जाता है।
पहला वैशाख की अहमियत
पहले वैशाख की अहमियत कितनी है बंगालियों के हाव-भाव से पता चलता है। बंगाली पहला वैशाख को कुछ इस प्रकार बनाते हैं। वह इस दिन पूरे घर की साफ-सफाई,साज-सज्जा करते, फिर वह भिन्न-भिन्न प्रकार के पकवान बनाते हैं। बता दे,इस दिन हुए लोग नदिया तलाब में जाकर स्नान करते हैं, फिर अपने इष्ट देवता कि पूजा पाठ कर नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं। और वह हर साल की भांति इस साल भी भगवान का पूजा पाठ कर उनका आशीर्वाद लेते हैं।
साथ हि साथ इन्द्र भगवान तथा सूर्य भगवान के भी पूजा करते हैं,ताकि किसी प्रकार की कोई अकाल जैसी समस्या उत्पन्न ना हो,हमेशा सुख समृद्धि बने रहे इसके लिए हुए भगवान का आशीर्वाद लेते हैं। इस दिन बंगाली लोग एक दूसरे का घर जाकर बधाइयां देते हैं, और अपनी विशिष्ट पकवान का आनंद लेते है। कुछ इस तरह से पोइला वैशाख बंगाली लोग सेलिब्रेट करते हैं।