तिरुपति: आमतौर पर जब हम किसी धार्मिक स्थल पर जाते हैं या किसी मंदिर में जाते हैं तो मिठाई के डब्बे, लड्डू, पेड़े है या फिर फूल लेकर जाते हैं लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां भगवान को मिठाइयां या लड्डू नहीं चढ़ाया जाता उन्हें चढ़ाया जाता है सिर्फ सोना। तो चलिए पूरे विस्तार से हम आपको उसे मंदिर के बारे में बताते हैं और जानते हैं कि आखिर भगवान को सोना ही क्यों चढ़ाया जाता है?
सोना किया जाता है दान
यह अनोखा मन्दिर आंध्र प्रदेश मे स्थित है, यह काफी प्रसिद्ध मन्दिर है, इसका नाम है तिरुपति बालाजी का। इस मंदिर में सोना दान करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है। दान पेटी में पैसे से ज्यादा सोना भरा रहता है, मंदिर के ट्रस्ट से यह जानकारी मिली कि अभी हाल ही में तिरुपति बालाजी मंदिर से तकरीबन तीन से चार हजार किलो सोना बैंक में जमा कराया गया, यह सोना मंदिर को दान में मिला था।
श्री वेंकटेश्वर मंदिर के प्रबंधक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने जानकारी देते हुए कहा कि अब तक 11,329 किलो सोना विभिन्न जमा योजनाओं के तहत देश के बैंकों के पास जमा है। वहीं पिछले 3 साल में मंदिर की तरफ से 4 हजार किलो सोना कई बैकों में जमा कराया गया है।
क्यों चढ़ाए जाते है सोना?
तिरुपति मंदिर में सोना इसलिए चढ़ाया जाता है, ताकि भक्तो की इस्ट देवता को खुश किया जा सके। तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों द्वारा अपने इष्ट देव को सोने और चांदी के आभूषण चढ़ाएं जाते हैं, उसमें अधिकांश सिक्का होता है। भक्तों में आभूषण के तौर पर प्रसाद चढ़ाने की प्रथा है। जिसे तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) विभिन्न बैंकों में प्रसाद जमा कर रहा है।
भगवान बालाजी के स्वर्ण भंडार को लेकर पहले फैली अफवाहों पर पूर्ण विराम लगाने के लिए टीटीडी ने हाल ही में इस पर एक श्वेत पत्र जारी किया है। श्वेत पत्र में विभिन्न बैंकों में जमा स्वर्ण जमा के वार्षिक आंकड़ों का खुलासा किया है।
Read More: नरी सेमरी: कैसी है यह 700 साल पुरानी परंपरा जिसमें लाठी डंडों से होती है देवी मां की पूजा