Chaiti chhath 2024: हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण महापर्व छठ कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के षष्टी तिथि को हर साल बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है, वैसे तो यह पर्व हर साल दो बार मनाया जाता है दूसरी बार चैत माह के शुक्ल पक्ष के षष्टी तिथि को मनाया जाता है जिसे चैती छठ कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि चैती छठ मैथिली, मगही और भोजपुरी लोगों के लिए सबसे प्रिय होता है।
इस दिन सूर्य देव की उपासना भी की जाती है और अर्घ देकर उनकी पूजा की जाती है। छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्व उत्तर प्रदेश, नेपाल के कई क्षेत्रों में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा के दौरान व्रत रखने से छठी माता की कृपा से संतान की आयु लंबी होती है वही सूर्य देव के आशीर्वाद से जीवन में ऊर्जा और सुख समृद्धि बनी रहती है तो चलिए चैती छठ पूजा के कुछ महत्व को जानते हैं।
कब से होगा शुरु?
साल 2024 की चैती छठ पूजा की शुरुआत 12 अप्रैल दिन शुक्रवार से होगी। यह पर्व 15 अप्रैल को सुबह अर्घा देने के बाद व्रत तोड़ने के साथ ही समाप्त होती है। बता दे की कार्तिक महीने के अलावा चैत्र माह में भी छठ महापर्व मनाया जाता है हालांकि दोनों छठ में कोई खास अंतर नहीं है लेकिन इस माह में भी पूजा की विधि कार्तिक माह के छठ पूजा की जैसी ही होती है लेकिन दोनों की कथाएं व कहानी अलग-अलग है।
कब से हुई शुरुआत चैती छठ की?
पुराणों के अनुसार जब भगवान राम, रावण का वध करके अयोध्या वापस लौटे तो वशिष्ठ मुनि ने कहा कि आपको ब्रह्म हत्या का पाप लग चुका है इससे छुटकारा पाने के लिए आपको माता सीता और लक्ष्मण के साथ गंगा किनारे स्थित मृद्गुल ऋषि के आश्रम जाना होगा और भगवान सूर्य की आराधना भी करनी होगी।
माता सीता ने अपने पति की दीर्घायु के लिए बिहार के मुंगेर जिले में स्थित मृदुल आश्रम पहुंच कर सबसे पहले छठ की पूजा की थी और सूर्य भगवान की उपासना की थी, जहां अभी भी माता सीता के पैरों के निशान मौजूद हैं और तभी से छठ महापर्व की शुरुआत हुई और ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त सच्चे मन से छठी मैया की पूजा करते हैं उन पर कृपा बनी रहती है और उनके बच्चों की आयु भी लंबी होती है।
छठ पूजा का महत्त्व
आपको बता दें कि भारत में बंगाल, बिहार, झारखंड में छठ पूजा को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि छठ पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है साथ ही यह व्रत संतान की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है, जिन विवाहित जोड़ों को संतान प्राप्ति में दिक्कत आती है वह छठ मैया के आशीर्वाद से संतान प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही छठ पूजा में सूर्य देव की भी पूजा का विधान है जिनकी कृपा से व्यक्ति को कैरियर और कारोबार में भी काफी सफलता मिलती है।
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