Suchitra sen: सुचित्रा सेन एक ऐसी अभिनेत्री थी जिनका उन्हीं के घर में अचानक से 36 साल तक नजर बंद करके रखा गया तथा उन्होंने दादा साहेब फाल्के पुरस्कार तक लेने से इनकार कर दिया था जाने खबर विस्तार से।
Suchitra Sen: दोस्तों दादा साहेब फाल्के पुरस्कार पाने का हर एक अभिनेता तथा अभिनेत्री का सपना होता है लेकिन आज हम एक ऐसी अभिनेत्री के बारे में बात करेंगे जिसने यह पुरस्कार नहीं लिया तथा उनके अभिनय के दीवाने तो स्वयं दिलीप कुमार भी थे।
Who is Suchitra Sen
सुचित्रा सेन का जन्म 6 अप्रैल सन् 1931 को बांग्लादेश के एक गांव में हुआ था। इनके पिता जी एक सैनिटरी इंस्पेक्टर वा मां इंदिरा देवी एक गृहणी थी। इनका असली नाम रोमा दासगुप्ता था।
ये अपने भाइयों और बहनों में सबसे छोटी थी। इनके कुल 4 भाई बहन थे।
इनका विवाह मात्र 15 साल के उम्र में ही हो गया था लेकिन इनके पति तथा ससुर ने इनके फिल्मों में आने के सपने को पूरा करने में बहुत मदद किया।
इनके पति इनको अक्सर एक गायक बनने का सुझाव देते रहते थे क्योंकि उनकी आवाज बड़ी ही सुरीली थी और उनके ससुर तथा पति उनके टैलेंट की बहुत ही ज्यादा कद्र करते थे लेकिन इनका इरादा कुछ और ही था।
पति की मदद से इनको 1952 में एक फिल्म में संगीतकार बनने का मौका मिला लेकिन डायरेक्टर ने इनकी खूबसूरती और अदाकारी देखकर इनको इस फिल्म में अभिनेत्री बनने की सलाह दी।
दिलीप कुमार थे फैन
देवदास फिल्म की शूटिंग के दौरान पहली बार दिलीप कुमार ने इनके अभिनय को देखा तो फैन बन गए। एक इंटरव्यू में दिलीप कुमार ने कहा थी कि, उनकी आंखें कुछ और ही बयां करती थी, वह एक परफेक्ट अदाकारा थी।
बॉलीवुड में नायिका तो बहुत सारी हैं लेकिन महानायिका सिर्फ Suchitra sen हैं।
देवदास की सफलता के बाद उसमें सम्मिलित हर एक एक्टर तथा एक्ट्रेस को बहुत अच्छे-अच्छे पुरस्कार दिए गए किंतु भारत तथा बांग्लादेश के बीच चल रहे विवाद के कारण Suchitra sen को कोई भी पुरस्कार नहीं दिया गया।
Suchitra sen International award पाने वाली पहली भारतीय एक्ट्रेस
आपको बता दे कि सुचित्रा सेन ही पहले ऐसी अभिनेत्री हैं जिनको इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
Suchitra sen के कदमों में बैठे थे राज कपूर
आपको बता दे की बॉलीवुड के महान कलाकार राज कपूर एक बार सुचित्रा सेन को अपनी फिल्म में लाने के लिए उनके घर गए थे। राज कपूर सुचित्रा सेन के कदमों में बैठे थे जबकि सुचित्रा से सोफे पर बैठी थी। हालांकि इसके बाद उन्होंने राज कपूर की फिल्म को ठुकरा दिया था क्योंकि उनको राज कपूर का बर्ताव ठीक नहीं लगा था।
Indira Gandhi पर Suchitra sen ने बनाई फिल्म, कांग्रेस ने की बैन
आपको बता दे कि suchitra sen ने एक फिल्म “आंधी” बनाई थी जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी का किरदार निभाया था। हालांकि इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने इस फिल्म को बन करवा दिया था क्योंकि इससे कांग्रेस को लगता था कि पार्टी की छवि खराब होगी।
ठुकरा दिया दादा साहब फाल्के पुरस्कार
1978 में एक फिल्म के फ्लॉप हो जाने के बाद Suchitra sen ने फिल्मी दुनिया से संन्यास ले लिया और फिर कभी मुड़ कर नहीं देखी।
उन्होंने खुद को एक कमरे में कैद कर लिया और सात्विक जीवन बिताने लगी।
यह बात सन 2005 की है जब उनका नाम दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए लिया गया लेकिन उन्होंने यह पुरस्कार भी ठुकरा दिया।
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