Katchatheevu island: पिछले कुछ दिनों से katchatheevu island में काफी ज्यादा राजनीति हो रही है तो चलिए जानते हैं इस द्वीप का इतिहास और जानें आखिर क्यों इतना महत्वपूर्ण।
Katchatheevu island: इस आयरलैंड को बैरन द्वीप के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण द्वीप है। Loksabha elections 2024 के कुछ ही दिनों पहले से इस द्वीप के संबंध में कई सियासी लड़ाइयां लड़ी जा रही हैं।
Katchatheevu island
यह एक बंजर द्वीप है और यह 1.15 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह द्वीप भारत और श्रीलंका के बीच पाक स्ट्रीट में स्थित है।
Importance of katchatheevu island
यह द्वीप भारत के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन हिंद महासागर में अपनी धाक जमाना चाहता है। इस स्थिति में यह द्वीप ही है जो चीन को यह करने से रोक रहा है।
इसी वजह से चीन श्रीलंका के साथ नजदीकियां बढ़ाकर इस द्वीप को हथियाना चाहता है।
History of katchatheevu island
ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो यह द्वीप किसी रामनाद जमीदार का है जो मदुरई (चेन्नई) के नायक वंश का था। रामनाद ने इसको 1605 में स्थापित किया था।
श्रीलंका कहता है कि यह द्वीप उसका है क्योंकि जो कैथोलिक चर्च इस द्वीप में स्थित है, वह श्रीलंका के जाफना सूबा से संबंधित है।
1970 में इंदिरा गांधी ने श्रीलंका से एक करार करके यह द्वीप श्रीलंका को सौप दिया था। यह करार इंडिया श्रीलंका मैरीटाइम बाउंड्री एंग्रीमेंट 1974 के तहत हुआ था।
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